नौकरी छोड़ मुखिया बनीं पूनम
नोनीहाट प्रखंड बनेगा
दुमका उपायुक्त ने नोनीहाट को प्रखंड बनाने को लेकर समाहरणालय में अधिकारियों और प्रस्तावित प्रखंड क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में जरमुंडी, जामा और रामगढ़ प्रखंड की वैसी पंचायतों के मुखिया, पंचायत समिति और जिला परिषद के सदस्य शामिल हुए, जो भौगोलिक दृष्टिकोण से नोनीहाट के निकट हैं और जिन्हें नये प्रखंड में शामिल किया जा सकता है. फिलहाल नोनीहाट दुमका जिले के जरमुंडी प्रखंड की पंचायत है.

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पंचायत राज व्यवस्था ने कई लोगों में नया करने का जज्बा भर दिया. इसी जज्बे के कारण समाजशा में एमए पूनम देवी दुमका के आरडीएच कॉलेज में व्याख्याता की नौकरी छोड़ मुखिया के चुनाव में उतरीं व जीत गयीं. इनके पति आरके तिवारी देवघर में एक बीमा कंपनी में सहायक प्रबंधक के पद कर कार्यरत हैं. एक पुत्र पुणो में इंजीनियर है, तो दूसरा वीआइटी वेल्लौर में एमएसी बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रहा है. सबेजोर पंचायत का मुखिया पद महिला के लिए आरक्षित था. पति की प्रेरणा से उन्होंने चुनाव में नामांकन पर्चा भरा. अब उनका सपना अपनी पंचायत को आदर्श पंचायत बनाना है. मुखिया पूनम देवी सबेजोर को गुजरात, राजस्थान, हरियाणा-पंजाब की तरह समृद्ध बनाना चाहती हैं. वे पंचायत की योजना के अभिलेख एवं स्थल को स्वंय देखती हैं. योजना का चयन ग्राम सभा के माध्यम से हो इसके लिए प्रयासरत रहती हैं. हर महत्वपूर्ण मुद्दे पर ग्रामसभा की बैठक होती है. पंचायत भवन निर्माण कार्य चल रहा है, इस कारण फिलहाल पंचायत सचिवालय कोलडीह के
सरकारी भवन में संचालित हो रहा है.
गिरिडीह जिले के सुदूरवर्ती गांवों के लिए बिजनेस कॉरसपोंडेंट वरदान साबित हो रहे हैं. छोटे उपभोक्ता इससे खास तौर पर लाभान्वित हो रहे हैं. अभी जिले के 50 गांवों में बिजनेस कॉरसपोंडेंट बैंक चला रहे हैं. इसके तहत बैकिंग सुविधा देने के लिए उपभोक्ताओं को एक स्मार्ट कार्ड दिया जाता है. बैंक यह सेवा उपलब्ध कराने के लिए उसी गांव के किसी ग्रामीण को जिम्मेवारी सौंपता है, उसे ही बिजनेस कॉरसपोंडेंट कहा जाता है. उसे एक छोटी सी मशीन दी जाती है, जो बैंक के सर्वर से जुड़ी होती है. इस मशीन में ग्राहक के खाते का सारा विवरण रहता है. ग्राहक अपने खाते में स्मार्ट कार्ड के जरिये राशि जमा कर सकता है या फिर उसे निकाल सकता है. जहां यह सेवा प्रदान की जाती है, उसे सेंटर कहते हैं. इस योजना के तहत तिसरी प्रखंड को मॉडल प्रखंड बनाया गया है. यहां की सभी 15 पंचायतों में यह सेवा शुरू कर दी गयी है. बैंक ऑफ इंडिया को इस योजना की नोडल एजेंसी बनाया गया है. हालांकि एसबीआइ, इलाहाबाद बैंक ने भी इसके लिए बेहतर काम किया है.
गिरिडीह में प्रमुख व बीडीओ को समन्वय का पाठ पढ़ाया
मेदिनीनगर : पलामू जिले में मनरेगा योजनाओं की स्थिति बदतर है. इसका सीधा नुकसान ग्रामीणों को हो रहा है. जिले में मनरेगा की 13 हजार योजनाएं लंबित हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि जो योजना पूर्व में स्वीकृत हुई थीं, उनमें मात्र चार प्रतिशत पूरी हुईं. इस कारण चालू वित्तीय वर्ष में मनरेगा की योजनाओं की अग्रिम स्वीकृति में दिक्कत हो रही है. पलामू उपायुक्त पूजा सिंघल ने उपविकास आयुक्त सह मनरेगा कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. डीसी ने विभिन्न प्रखंडों में ग्रामसभा से स्वीकृत व ग्राम पंचायत से अनुमोदित एक्शन प्लान में शामिल योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति के साथ जो प्रस्ताव आया है, वह मनरेगा की मार्गदर्शिका के अनुरूप है या नहीं, इसका आकलन कर अभिलेख मांगा है.
गिरिडीह में प्रमुख व बीडीओ को समन्वय का पाठ पढ़ाया
गिरिडीह के उप विकास आयुक्त प्रमोद कुमार गुप्ता व जिला पंचायती राज पदाधिकारी प्रभाकर सिंह ने प्रखंड प्रमुखों व प्रखंड विकास पदाधिकारियों को आपसी तालमेल का पाठ पढ़ाया है. ताकि विकास कार्य ठीक ढंग से हो सके. दोनों अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों व प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को बताया कि बिना तालमेल के काम करने से विकास कार्य प्रभावित होता है. ऐसे में आपसी तालमेल से काम करें. बताया गया कि कोई भी फाइल खोलने से पूर्व फाइल प्रमुख के टेबुल पर भेजी जाये. हाल में जिले के कुछ प्रखंडों में प्रमुख व बीडीओ के बीच अनबन का मामला सामने आने पर यह कदम उठाया गया
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