लाडली लक्ष्मी योजना
बेटी की पढ़ाई का जिम्मा सरकार का
गरीब परिवारों घर जन्म लेनेवाली बिटिया को सरकार का उपहार मिलेगा. झारखंड राज्य के 12वें स्थापना दिवस पर 15 नवंबर 2011 को लाडली लक्ष्मी योजना की शुरूआत की गयी है. मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने वर्ष 2012 को बिटिया वर्ष भी घोषित किया है. राज्य में निवास करनेवाले बीपीएल परिवार इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. यह सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है.ोजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजर-बसर कर रहे परिवार में जन्म लेनेवाली बिटिया के नाम पर पोस्ट ऑफिस या बैंक अकाउंट में उसके 21 वर्ष होने तक एक निश्चित राशि (एक लाख आठ हजार रुपये) जमा की जायेगी. बिटिया के जन्म से पांच वर्ष तक अकाउंट में प्रति वर्ष 6000 रुपये जमा किये जायेंगे. बालिका कोकक्षा छह से 2,000 रुपये, कक्षा नौवीं से 4,000 हजार, कक्षा 11वीं में 7,500 मिलेंगे. 12वीं कक्षा में प्रवेश के बाद प्रतिमाह 200 रुपये छात्रवृत्ति मिलेगी. 21 वर्ष की आयु के बाद सरकार अपनी ओर से बिटिया के विवाह के लिए 60 हजार रुपये प्रदान करेगी. इस प्रकार योजना का कार्यकाल पूरा होने पर बिटिया को एक लाख आठ हजार छह सौ रुपये मिलेंगे. योजना का लाभ उन्हीं बीपीएल परिवार को मिलेगा जिनके दो बच्चे हों. बालिका ने पढ़ाई न छोड़ी हो व 18 वर्ष से पहले शादी न हुई हो. झारखंड में निवास करनेवाले ऐसे करीब 33 लाख बीपीएल परिवारों इस योजना से लाभान्वित हो सकते हैं. योजना का लाभ उठाने के लिए बीपीएल परिवार मुखिया को एक आवेदन पत्र भरना होता है, जिसमें परिवार के सदस्यों के बारे में पूरी जानकारी भरी जाती है. बालिका का नाम, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम आयु, भाई बहनों की संख्या, गांव, प्रखंड, जिला, पोस्ट ऑफिस का नाम, जाति वर्ग, अनुमानित वार्षिक आय आदि. इस आवेदन पत्र को जिला परियोजना अधिकारी के पास जमा किया जाता है. आवेदन के साथ घोषणा पत्र भी भरकर जमा किया जाता है. आवेदन पत्र के साथ बचत योजनाओं के लिए भरे फार्म की पांच प्रति, मूल निवासी प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बीपीएल संबंधी प्रमाण पत्र, बालिका का जन्म प्रमाण पत्र संलग्न किये जाने चाहिए. साथ ही आंगनबाड़ी सेविका का प्रमाण पत्र, जिसमें आपके द्वारा दी जा रही जानकारियों की पुष्टि की जाती है, को जमा करना होता है. इसके बाद सभी पत्रों पर जिला परियोजना पदाधिकारी की स्वीकृति मिलने के बाद लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ उठा सकते हैं.
झारखंड की जनता के लिए राज्य सरकार ने एक अच्छी पहल करते हुए मुख्यमंत्री शिकायत निवारण प्रकोष्ठ की स्थापना की है. मुख्यमंत्री की पहल पर आपकासीएमडॉटकॉम नाम से एक वेबासाइट भी शुरू की गयी है. यह व्यवस्था सीधे मुख्यमंत्री के नियंत्रण में है. अब झारखंड के दूर-दराज क्षेत्रों रहनेवाले लोग भी मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी शिकायतें सीधे पहुंच सकते हैं.
आप जब फोन पर अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं, तो आपको शिकायत संख्या भी दी जाती है. यह शिकायत संख्या आपके अधिकारों की रक्षा में भी मददगार है. यानी किसी कारणवश शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई तो आप शिकायत संख्या के आधार पर आप पुन: शिकायत कर सकते हैं. अगर आपके पास झारखंड सरकार के अधिकार क्षेत्र से आनेवाले विभागों से जुड़ी शिकायत है तो आप फोन संख्या
0651-3059999 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इन शिकायतों को संबंधित विभागों तक हस्तांतरित किया जाता है.
हालांकि शुरुआती तौर पर अभी खाद्य, जनवितरण प्रणाली व उपभोक्ता मामलों से जुड़े विभागों से जुड़ी शिकायतों को ही इसके माध्यम से लिया जा रहा है. पर, आनेवाले दिनों में सरकार इसका दायरा बढ़ायेगी. इसके अलावा पत्र, ई-मेल व आपकासीएमडॉटकॉम वेबसाइट पर भी शिकायत दर्ज करायी जा सकती है. आपको दी गयी शिकायत संख्या के आधार पर आप वेबसाइट व फोन के माध्यम से अपनी शिकायत पर हो रही कार्रवाई की स्थिति भी जान सकेंगे.
ममता वाहन योजना
प्रसव के लिए वाहन एक कॉल पर
ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाली गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराना अब आसान हो गया है. बस एक फोन कॉल पर अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र से ममता वाहन तुरंत आपके घर पर पहुंचता है. सुरक्षित प्रसव के लिए ममता वाहन महिला को घर से तुरंत अस्पताल लेकर आता है. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की राज्य इकाई द्वारा ममता वाहन योजना की शुरूआत की गयी है. यह नि:शुल्क सेवा है. ग्रामीण सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव व प्रसव के दौरान होनेवाली मां व शिशु की मृत्यु दर को कम करना है. वर्तमान में झारखंड के सभी 24 जिलों में ममता वाहन एंबुलेंस की सुविधा सरकार ने उपलब्ध करायी है. ममता वाहन की शुरूआत छह अगस्त 2011 को साहिबगंज जिले से की गयी थी. स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्मू ने इस योजना का शुभारंभ किया था
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें