जुनून, मेहनत से मिला सम्मान

गर आदमी कुछ करने की ठान ले तो मुश्किल काम भी आसान हो जाता है. इस कहावत को सच साबित किया है दुमका के किसान श्यामल चौधरी ने. उन्होंने अपने दम पर बिना किसी सरकारी मदद के 100 फीट लंबा, 100 फीट चौड़ा और लगभग 22 फीट गहरा तालाब खोद डाला है. बुलंद इरादों के साथ इस तालाब को और बेहतर बनाने में वे आज भी लगे हुए हैं. अथक मेहनत की बदौलत इस तालाब की खुदाई के पीछे नोनीहाट-कुरुवा के इस किसान की दर्द भरी कहानी छिपी हुई है. 1996 में उन्होंने ंिसंचाई के लिए तालाब की चाह में कई बार सरकारी दफ्तर का चक्कर लगाया. बाबुओं ने उनकी नहीं सुनी. थक-हार कर खुद ही तालाब खुदायी करने में जुट गये. श्यामल 14 वर्ष तक इस कार्य में लगे रहे. इस दौरान उनका इकलौता बेटा खेती पर ध्यान देता रहा और वे हर दिन तालाब की खुदायी करते रहे. उनकी मेहनत रंग लायी और कृषि के लिए पानी मिल गया. इतने में ही उन्होंने हार नहीं मानी. वे आज भी अपने प्रयास में लगे हुए हैं. उनकी कोशिशों का नतीजा है कि इस तालाब से दूसरे किसान भी लाभान्वित हो रहे हैं. उन्होंने तालाब में मत्स्यपालन के लिए प्रशिक्षण भी लिया है. अब तो सरकारी महकमा भी उनके जज्बे को सलाम करता है. इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर उपराजधानी दुमका के पुलिस लाइन मैदान में मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा ने उन्हें सम्मानित किया.
(दुमका से आनंद की रिपोर्ट)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें