गुरुवार, 13 जून 2013

आमुख कथा5: पंचायती पेच की कहानी

इंटरमीटिएट तक शिक्षापूर्व में गृहिणी थींइनके पति संजय यादव गोड्डा के
विधायक हैं.
प्राथमिकता : सिंचाई  लड़कियों की शिक्षा.

नये नेतृत्व का हुआ उदय
तीन दशकों के बाद राज्य में हुए पंचायत चुनाव ने विभिन्न स्तरों पर राज्य में नये नेतृत्व का उदय हुआ हैमहिलाएंकिसानयुवा यहां तक कि खेत में काम करने वाली महिला  मनरेगा श्रमिक भी पंचायत राज निकाय में चुन कर आयेमुखिया को पंचायत में सम्मान मिला पर अधिकार की कमी खलती रहीजनप्रतिनिधियों को अधिकार नहीं मिलने से विकास कार्य भी प्रभावित हो रहा हैअगर हमें अधिकार दिया जायेतो हम जिले के विकास के लिए बेहतर कार्य करेंगेराजनीति में मैं पति की प्रेरणा से आयीगोड्डा मायका होने के कारण यहां के लोगों के लिए मैं बेटी  बहन की तरह हूंयह जिला पहले धान का कटोरा कहा जाता थापर आज यहां सिंचाई का संकट हैबच्चियों के लिए बेहतर शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिएपेयजल  सिंचाई के संकट का हलजिले में हरियाली  खुशहाली बढ़ाना मेरा लक्ष्य है.

मैं नाम ज्योति बेहर हैउम्र 30 सालसाधारण कद-काठीकाम करने के मामले में अद्भुत जीवटतावह झारखंड के गुमला जिले के डुमरी प्रखंड की हैंज्योति से हमने झारखंड में पंचायती सरकार बनने के बाद उसके पेच पर बात करने के इरादे से संपर्क साधाराज्य और देश की बातें कीगुमला के गुमनाम इलाके की इस नेत्री के नजरिये को जानते हैंबहुत हद तक उन्हीं के शब्दों में

नहीं चाहती कि अंडमान में जैसे जारवा जनजाति के लोगों को म्यूजियम की चीज बना दिया गया है और उन्हें देखने आनेवाले पर्यटक आदेश-निर्देश को ताक पर रख उन्हें देखते हुए छेड़ते हैंवैसी ही परिस्थितियों का दास हमारा कोरबा समूह भी हो जाएआपको तो पता है कि सरकारी फाइलों में कोरबा विलुप्त हो रही जनजातीय प्रजाति में शामिल हैलेकिन फाइलों से बाहर निकाल कर सरकार धरा पर उनकी सुधि नहीं लेतीमैं भी कोरबा हूंपर मैंने हॉस्टल में रहकर इंटर तक की पढ़ाई की हैबचपन से ही सोचती थी कि बड़ी होकर अपने समुदाय के लिए कुछ करूंगीचूंकि हमने अपने समाज की विडंबनाओं को करीब से भोगा हैवर्तमान तरक्की के पैमाने पर हमारा समाज बहुत पिछड़ा हुआ है और विकास की लय से कोसों दूूर.  हमेशा सोचती थी कि बदतरी को बेहतरी में बदलने के लिए जो संभव होगाकोशिश करूंगीपिछले साल जब पंचायत चुनाव की घोषणा हुई तो मुखिया के लिए मैदान में उतरने से पहले यही सब बातें दिमाग में थीलोगों ने साथ दियाजीत भी गयीहमारे डुमरी में 1500 से भी ज्यादा कोरबा जनजाति के लोग रहते हैं.
अब विडंबना देखिएपंचायत चुनाव हुए एक साल बीत गये हैंलेकिन पंचायतों को जितनी शक्तियां मिलनी चाहिए थींवो अब तक नहीं मिलींमैं जानती हूं और अपने अनुभव के आधार पर कह रही हूं कि इसमें सबसे बड़ी बाधा सरकारी अधिकारी हैंवे ग्रामसभा की योजनाओं का अनुमोदन ही नहीं करतेएक घटना बताती हूंहमारी पंचायत को चार लाख चौरासी हजार रुपये मिलेपैसे अकाउंट में आयेइससे कंप्यूटरआलमीराफर्नीचर आदि खरीदा जाना थालेकिन प्रखंड विकास पदाधिकारी का कोई निर्देश नहीं मिलाहमने सिर्फ सात हजार रुपये का फर्नीचर खरीदाउसके बाद वार्ड पार्षदों के साथ मिलकर ग्राम सभा में एक बैठक बुलायीविकास योजना तैयार कर अनुमोदन के लिए बीडीओ को भेजाबीडीओ  शिशिर कुमार सिंह इसके लिए तैयार ही नहीं हो रहे थेवे अपने स्तर से जनता को बरगलाने में लगे रहेआखिर में मैंने फैसला कर लिया कि जब जनता के विकास के लिए कुछ कर ही नहीं पाउंगी तो बेहतर है इस्तीफा दे दूंऔर मैंेने इस्तीफा दे भी दियालेकिन जब इस बात की जानकारी मझगांव पंचायत के लोगों को हुई तो वे बीडीओ कार्यालय के सामने आकर प्रदर्शन करने लगे.

पंचायती पेच...
पुतला दहन हुआजनता के दबाव में आकर बीडीओ ने मेरा इस्तीफा लौटा दियायोजनाओं का अनुमोदन भी कियाअब पांच लाख रुपये और आये हैंयानी 9.84 लाख रुपये.  जिससे हम दस योजनाओं को कार्यान्वित करेंगेइसमें पुल-पुलियापीसीसी निर्माणमोरम रोडभवन मरम्मत आदि शामिल हैहमने सर्वशिक्षा अभियान के तहत तीन विद्यालय भी खुलवाये हैं जो गोपापानीलिटिया चुंआअरगनीदरा गांव में हैखास ये है कि इसमें पढ़ाने वाले पारा शिक्षक भी कोरबा आदिम जनजाति के ही हैंएक बार तो एक बीडीओ से गांववालों ने जंग जीत ली है लेकिन अधिकारियों का गंठजोड़ बहुत बड़ा हैअधिकारी गांव को हाशिये पर रखने की मंशा के साथ काम करते हैंसबकी तो नहीं कह सकती लेकिन कुछेक अधिकारी किसी की सुनना ही नहीं चाहतेइसे लेकर तनाव रहता हैलेकिन मेरे लिए सबसे खुशी की बात यह है कि डुमरी प्रखंड में 9 पंचायत है और मझगांव उनमें सबसे ज्यादा जागरुक हैलेकिन अगर ऐसे ही चलता रहेगा तो यहां भी भ्रष्टाचार की बू आने लगेगीयदि पंचायतों को ठीक से काम करने दिया जाये तो भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगीजैसे हमलोगों ने मिलकर तय किया है कि बाहर के लोगों को ठेके पर काम  दिया जायेमैं अन्ना को आदर्श मानती हूंये महापुरुष इस उम्र में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर सकते हैंसरकारी तंत्र का डट कर मुकाबला कर सकते हैं तो हम क्यों नहींहम जागरूक रहेंगे तो विकास होगा लेकिन एक सीमा के बाद हमारे हाथ-पांव थम जाते हैंआप बताइये कि चार-पांच लाख से कितना विकास कार्य होगाएक साल से यही रवैया हैएक बहाना नक्सलियों का भी चलता है और बात-बेबात उन्हें तुर्रा-तर्क से जोड़ दिया जाता हैबहाना बनाने के लिए नक्सलियों को सामने ला दिया जाता हैमैं बताऊंएक दिन रात को 10 बजे उन्होंने मुझे भी बुलवायामुझसे विकास योजनाओं के बारे में भी पूछा और फिर कहा कि आप जिस समाज से आती हैं उसके विकास का काम आप निडर होकर करेंअभी मेरी प्राथमिकता में सिंचाई परियोजनाचेक-डैमतालाबकल्वर्टपोखर आदि बनवाना हैदूसरी प्राथमिकता में शिक्षा है क्योंकि इसी से मानव विकास होगा और तीसरा स्वास्थ्यक्योंकि पहाड़ पर रहनेवाले लोग जब बीमार होते हैं तो उनका मरना तय हैनीचे उतरते-उतरते ही देर हो जाती हैआदिम जनजाति के लिए कई योजनाएं सरकार की भी हैं लेकिन मैं जानती हूं कि अधिकतर कागजों पर ही पूरी होंगीजमीन पर वे लागू तक नहीं हो पातीपहाड़ी पर पूरी व्यवस्था को जैसे-तैसे चलाया जाता हैचाहे आंगनबाडी होअंत्योदय या कुछ औरजांच करनेवाले को खिला-पिला दिया जाता है और वे अधिकारी पहाड़ी पर चढ़ने की जहमत भी नहीं उठातेबावजूद इन सबकेपहाड़ों पर पहाड़-सी जिंदगी को बदलने का इरादा रखती हूंदेखती हूंकहां तक सफलता मिलती हैकोशिश तो मैं करती रहूंगीमैं यह भी जानती हूं कि हक उम्मीदों से नहीं लड़ने से मिलता है और कई बार उसे छीनना भी पड़ता है...
प्रस्तुतिअनुपमा
(यह आलेख झारखंड सरकार की मीडिया फैलोशिप के अंतर्गत लिखा गया है.



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