
शिक्षा के बिना विकास नहीं
एक पुरुष के शिक्षित होने से एक घर शिक्षित होता है, लेकिन एक महिला के शिक्षित होने से पूरा समाज शिक्षित होता है. इसलिए बच्चियों की शिक्षा पर सर्वाधिक ध्यान देने की जरूरत है. खास कर गांव के मामले में यह अधिक महत्वपूर्ण है. पंचायत चुनाव ने राज्य में महिला सशक्तीकरण के एक नये अध्याय की शुरुआत की है. अगर पंचायत निकायों में शामिल महिलाएं सक्रिय होकर कार्य करेंगी, तो इससे राज्य के विकास की गति तेज होगी. उन्हें आगे बढ़ाने के लिए ईमानदारी से मौका देना होगा. वे किसी पर आश्रित नहीं रहें, उन्हें और अधिकार मिले, इसके लिए प्रयास होना पति व परिजनों का हस्तक्षेप निजी जीवन व कुछ जगहों पर ठीक है, लेकिन आज की महिलाएं स्वतंत्र हैं. महिलाओं को ध्यान में रख कर एक बार फिर नये सिरे से राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता मिशन चलाने की जरूरत है. आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से भी महिलाओं को शिक्षित किया जाना चाहिए. महंगाई के इस दौर में महिलाओं को भी पति का साथ देना चाहिए. अपने घर परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ही कोई फैसला लेना चाहिए.
पू सिंहभूम को आदर्श जिला बनाना है
आज महिलाएं पुरुषों से कंधा से कंधा मिला कर आगे बढ़ रही हैं. वे हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी का परचम लहरा रही हैं. पंचायत निकायों में 50 फीसदी आरक्षण मिलने से महिलाओं की समाज की निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ी है. अब वे सिर्फ फैसले सुनती नहीं, बल्कि फैसले लेती व सुनाती भी हैं. पूर्वी सिंहभूम के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र को विकसित करने की योजना है. पूर्वी सिंहभूम को एक आदर्श जिला बनाना है. गांव की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ कर उन्हें आर्थिक मदद मुहैया करा कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की योजना है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, मशरूम उत्पादन सहित कई तरह के कार्य के लिए कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा. शिक्षित महिला समाज व राष्ट्र के विकास में सहायक होती हैं. महिला सशक्तीकरण के लिए काम करने की जरूरत है.
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