मथुरा पूरा क्षेत्र ब्रज भूमि कहा जाता है. इस पूरे क्षेत्र में सैकड़ों मंदिर हैं. यहां आप गोकुल, बलदेव, महावन, गोवर्धन, बरसाना, नंदगांव व वृंदावन के मंदिरों में प्रभु के दर्शन कर सकते हैं. आप ब्रज परिक्रमा भी लगा सकते हैं. मथुरा से 15 किमी की दूरी पर वृंदावन, 10 किमी की दूरी पर गोकुल, 14 किमी की दूरी पर महावन, 20 किमी की दूरी पर बलदेव, 25 किमी की दूरी पर गोवर्धन, 50 किमी की दूरी पर बरसाना, बरसाना से 8.5 किमी की दूरी पर नंदगांव स्थित है. यहां के हर मंदिर की अपनी विशेषता है.
कैसे जायें
मथुरा कई रूट से जाया जा सकता है. अपने प्रदेश झारखंड का ट्रेनों से जुड़ाव कम है, पर आप अगर थोड़ा सोच-विचार कर रूट तय करें, तो दिक्कतें कम होंगी. रांची, पलामू व कोल्हान प्रमंडल वालों के लिए लखनऊ व कानपुर के लिए कई अच्छी ट्रेनें हैं. आप लखनऊ व कानपुर पहुंच कर वहां से बस से या ट्रेन से मथुरा जा सकते हैं. जबकि उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल व संताल परगना वाले पटना, धनबाद व मधुपुर-जसीडीह रेल लाइन से ट्रेन पकड़ सकते हैं. पटना से मथुरा के लिए पटना-मथुरा एक्सप्रेस नामक एक अच्छी गाड़ी चलती है, जिसका ठहराव काफी कम हैं. सोम, बुध, गुरु व शुक्रवार को यह ट्रेन पटना से खुलती है. जसीडीह व मधुपुर रेल लाइन से तूफान एक्सप्रेस हर दिन मथुरा जाती है, लेकिन इसका ठहराव काफी ज्यादा होने से समय ज्यादा लगता है.
खाना-पीना
भगवान श्रीकृष्ण को दूध मक्खन की चीजें पसंद थीं, इसलिए यहां की दूध व मक्खन की चीजें बेहद प्रसिद्ध हैं. यहां की लस्सी व पेड़ा काफी प्रसिद्ध है. इसका आनंद जरूर लें. इसके अलावा दूध की और भी कई चीजें आपको यहां मिलंेगी. यहां आपको भोजन के लिए कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, बांके-बिहारी मंदिर सहित कई अन्य जगहों पर बेहतर होटल मिलेंगे.
औसत खर्च
झारखंड के किसी भी जिले से मथुरा जाने-आने में प्रति व्यक्ति एक हजार रुपये खर्च आयेगा. इस बजट में स्लीपर क्लास में टिकट मिलेगा. ठहरने के लिए 500 रुपये या उससे अधिक में प्रति दो व्यक्ति के लिए कमरा मिल सकता है. एक व्यक्ति के भोजन पर प्रतिदिन के 250 से 300 रुपये तक खर्च आयेगा. जबकि मथुरा में घूमने, ऑटो-टैक्सी व मंदिर में दर्शन-पूजन में अलग से खर्च आयेगा. इस मद में भी प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 200 रुपये खर्च आयेगा. यानी मथुरा में ठहरने व घूमने में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 800 रुपये खर्च आयेगा. इतनी राशि में आप अच्छे से घूम सकते हैं और आपको अधिक खर्च व खरीदारी का शौक है, तो जाहिर है खर्च भी अधिक आयेगा. यानी तीन दिन-तीन रात मथुरा-वृंदावन में ठहरने व आने-जाने में प्रति व्यक्ति चार से पांच हजार रुपये खर्च आयेगा.
अतिरिक्त समय हो तो..
अगर आपके पास घूमने के लिए ज्यादा समय है, तो आप नजदीक के आगरा में ताजमहल व लालकिला देख सकते हैं. ग्वालियर व झांसी भी नजदीक है, वहां भी घूमने जा सकते हैं या मथुरा से महज डेढ़ से दो घंटे की दूरी पर स्थित दिल्ली भी घूम सकते हैं. आसपास फैली इन जगहों का अपना-अपना सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व ऐतिहासिक महत्व है. इसलिए समय है, तो इन्हें भी देख आइये.
अभी नहीं जा सकते हैं, तो मायूस मत होइए
अगर आपको लगता है कि अभी आप होली के मौके पर मथुरा-वृंदावन-बरसाने घूमने नहीं जा सकते हैं, तो मायूस होने की कोई बात नहीं है. विकल्प और भी हैं. समय की कमी, ट्रेनों में टिकट नहीं मिलने या फिर पैसों की दिक्कत से मन मत मारिये. अभी से भविष्य की योजना बनाएं. थोड़े-थोड़े पैसे बचायें और श्रीकृष्ण जन्माष्ठमी या फिर दीवाली में इन जगहों की घूमने जायें. होली के अलावा ये दोनों त्योहार भी यहां खास ढंग से मनाये जाते हैं और देश-दुनिया से इस मौके पर भी यहां जुटते हैं.
श्री मदन मोहन मंदिर की होली भी होती है खास
रांची के बोड़ैया में स्थित श्री मदन मोहन मंदिर की होली भी खास होती है. 1665 ईस्वी में इसकी स्थापना हुई थी. होली के दिन श्री मदन मोहन स्वामी एवं राधिका देवी की यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन अनेक प्रकार के भोग लगाये जाते हैं. स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण तिवारी मंदिर के संस्थापक थे. इन्हीं के नाम से यहां मंदिर संचालन समिति संचालित होती है. होली के दिन भगवान व राधा जी को स्वर्ण आभूषण का श्रृंगार किया जाता है. यहां होली उत्सव में आसपास के दर्जनों गांवों के लोग जमा हो कर भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा को रंग-गुलाल चढ़ाते हैं. उसके बाद सभी ग्रामीण एक-दूसरे के साथ होली खेलते हैं व बुजुर्गो से आशीर्वाद लेते हैं.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें