गुरुवार, 4 जुलाई 2013

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हेमंत सोरेन का गांव भी प्यासा

गुरुजी यानी शिबू सोरेन व राज्य के उपमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गांव नेमरा को भी पानी के संकट का सामना करना पड़ता है. रामगढ़ जिले गोला प्रखंड क्षेत्र में स्थित इस गांव में सात चापानल लगे हैं, इसमें दो खराब हैं. एक का हैंडिल व एक की बेयरिंग खराब है. दो चापानल से धूलकण मिला पानी निकलता है. गुरुजी के घर के सामने दो तालाब हैं, वह भी गरमी में सूख जाते हंै. इसमें एक तालाब गुरुजी का ही है. गांव में लगभग 125 परिवार हैं, सभी संताल आदिवासी हैं. गरमी के दिनों में जब कुएं भी सूख जाते हैं, तो इन लोगों को बड़का नदी में चुआं खोद कर अपनी प्यास बुझानी होती है. गांव के मुखिया प्रताप सिंह मुंडा ने अपने मद से यहां एक चापानल लगवाया है. मुंडा कहते हैं कि गांव में पानी की समस्या है. वे कहते हैं कि इसे जल्द ही दूर किया जायेगा. मनरेगा से बनने वाले कुआं का निर्माण अधूरा है, उसे भी पूरा किया जायेगा.       गोला से सुरेंद्र की रिपोर्ट

लगाम में पानी की कमी नहीं
झारखंड के उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो का गांव लगाम विकसित गांव की श्रेणी में आता है. गांव की आबादी 2500 है और 50 प्रतिशत से अधिक घरों में कुआं है. गांव में 15 से 20 चापानल हैं और सभी चालू हालत में हैं. पानी के मामले में उपमुख्यमंत्री का गांव संपन्न है. सुदेश महतो वर्तमान में राज्य के जल संसाधन मंत्री भी हैं. जल संसाधन विभाग की ओर से जलापूर्ति के लिए गांव में पाइप लाइन बिछायी जा चुकी है. मंत्री सुदेश महतो के प्रयास से गांव में एक पानी की टंकी बनायी जा रही है. टंकी अभी निर्माणाधीन है. मंत्री ने गांव के तालाब का सुंदरीकरण व गहरीकरण भी कराया है. इसका लाभ भी गांव वालों को मिल रहा है. ग्रामीण खेतों में सिंचाई कार्य के लिए कुओं का इस्तेमाल करते हैं. निर्माणाधीन टंकी में पानी का भंडारण कर इसका उपयोग सिंचाई कार्य में किये जाने की योजना है. भंडारण के लिए पानी स्वर्णरेखा नदी से पंप की सहायता से लाया जायेगा. इस योजना को शुरू होने में अभी करीब डेढ़ माह विलंब है.        
सुरेंद्र मोहन की रिपोर्ट
विमला व हाजी के गांव भी प्यासे
राज्य की पर्यटन मंत्री विमला प्रधान के सिमडेगा जिला स्थित गांव बागेडेगा में पानी की स्थिति बेहतर नहीं है. इस गांव को गर्मियों में पानी की दिक्कत का सामना करना पड़ता है. यहां लगे तीन चापानल में दो खराब हैं, जबकि गरमी चढ़ते ही कुएं सूख जाते हैं. वहीं, मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के देवघर जिले के मधुपुर प्रखंड क्षेत्र स्थित पिपरा गांव में लोगों को गर्मियों में पेयजल के संकट का सामना करना पड़ता है. गांव में 15 चापानल व 10 कुआं हैं. गांव का जलस्तर काफी नीचे जा चुका है.

चंद्रप्रकाश के गांव की स्थिति औसत
राज्य सरकार के भवन निर्माण मंत्री का चितरपुर प्रखंड स्थित संडी गांव में पानी की स्थिति बेहतर है. यहां ग्रामीण पेयजल आपूर्ति व्यवस्था है. गांव में चार-पांच चापानल भी लगे हुए हैं. मंत्री जी के घर के सामने एक तालाब है. इस तालाब के कारण आसपास जलस्तर बने रहने में भी मदद मिलती है. हालांकि गरमी के दिनों में यह तालाब भी सूख जाता है. गांव के लगभग हर घर में कुआं है, जिससे जरूरत लायक पानी मिलता रहता है. गांववासियों के सीसीएल विस्थापित होने के कारण हर किसी के पास नौकरी व पैसे हैं. इस कारण इन लोगों ने व्यवस्था भी बेहतर बना रखी है. बावजूद इसके अगर पेयजल आपूर्ति व्यवस्था किसी कारण से सप्ताह भर या उससे अधिक समय के लिए खराब होती है, तो गांव में पानी की किल्लत हो जाती है.

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