गुरुवार, 4 जुलाई 2013

मंत्री के गांव में पेयजल से बन रही ईंट

झारखंड में पर्याप्त बारिश होने के बावजूद जल संकट है. नीति निर्माता व सरकार में शामिल लोग जल बचाने व उसके संरक्षण को लेकर लंबी-चौड़ी बातें किया करते हैं. पर, ऐसा नहीं है कि हर मंत्री का गांव पानी को लेकर खुशहाल हो. कुछ मंत्रियों के गांव में पानी की स्थिति अच्छी है, तो कई के गांव में बदतर. कुल मिलाकर मंत्रियों के गांवों की मिलीजुली तसवीर बनती है. हमारे प्रतिनिधियों ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित मंत्रियों के गांव का जायजा लिया व जाना कि वहां पानी की क्या स्थिति है और लोगों की क्या पीड़ा है. प्रस्तुत है विभिन्न मंत्रियों के गांव से भेजी गयी रिपोर्ट :

हेमलाल का गांव अप्रैल में ही प्यासा

सूबे के स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्म का गोड्डा जिले के सदर प्रखंड स्थित गांव घाट बंका के लोगों के हलक प्यास से अप्रैल माह के शुरुआत में ही सूखने लगे हैं. ऐसे में ग्रामीण दूर के चापानल से पानी ढोकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं. करीब पचास लाख रुपये की लरागत से बना वाटर टावर 200 लोगों को भी ढंग से पानी उपलब्ध नहीं करा पाता है. वर्ष 2005-06 में करीब पचास लाख की लागत से ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना के तहत यहां बड़ा जल मीनार बनाने का काम शुरू हुआ, जो तीन सालों में पूरा हुआ. वाटर टावर से लगा हुआ पंप हाउस भी है, जहां मोटर है. पर, ग्रामीणों को पेयजल नहीं मिल पा रहा है. बड़ा टोला, नदी टोला, राय टोला, जोहार टोला की करीब पांच हजार की आबादी को ध्यान में रख कर यहां वाटर टावर बनाया गया. मंत्री जी का गांव जोहार टोला में ही स्थित है.
गांव में पांच चापानल लगाये गये हैं. इसमें से बड़ा टोला के बाउरी परिवार, पंडित, सूडी तथा हरिजन और संताल आदिवासी परिवार के लोग पेयजल के लिए मात्र दो चापानल पर आश्रित हैं. बाउरी टोला के चापानल महीनों से खराब हैं, वहीं मुखिया घर के सामने का चापानल भी खराब बताया जाता है.
ग्रामीण व जलापूर्ति योजना की समिति के अध्यक्ष राजकुमार भगत, सचिव अशोक भगत, सहित नरसिंह बाउरी, संजीत बाउरी आदि कहते हैं कि पेयजल के लिए सभी लोग परेशान हैं. खैरियत है कि दुर्गा मंदिर के पास चापानल ठीक है, नहीं तो समस्या और गंभीर हो जाती. हैरत की बात यह कि गांव से करीब आधा किमी दूर स्थित ईंट भट्टे को पानी जल मीनार से ही मिलता है.
गोड्डा से निरभ किशोर की रिपोर्ट

घरों में पानी की दिक्कत, सड़कों पर जल जमाव

मानव संसाधन विकास मंत्री बैजनाथ राम के लातेहार के शहीद चौक स्थित मुहल्ले में गरमी चढ़ने के साथ पानी की दिक्कत हो जाती है. मंत्री जी के पद नाम पर ही यह गली मंत्री गली के नाम से चर्चित हो गयी है. भले ही लोगों के घर में पानी की दिक्कत हो, लेकिन गलियों में पानी का काफी जमावड़ा रहता है. पिछले तीन सालों से यहां पानी का जमावड़ा है. मुहल्ले के लोगों के घरों से निकले पानी के निकास की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पानी जमा हो जाता है. इस कारण वहां लोगों का रहना दूभर हो गया है. काफी बदबू होती है. मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से महामारी की भी आशंका है. हालांकि नगर पंचायत के द्वारा नाली के पानी की सप्ताह में एक बार में सफाई की जाती है. मुहल्ले में एक सप्लाई नल है. उस पर सवेरे होते ही लोगों की लंबी कतार लग जाती है. चापानल दो-तीन हैं, उसी पर लोग निर्भर हैं. कुछ घरों में कुआं हैं. मंत्री के प्रति लोगों के मन में नाराजगी है. मूलभूत समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया है. मंत्री के क्षेत्र में लोग आज भी चुआंड़ी खोदकर पानी पीते हैं. स्थानीय लोग कहते हैं कि उन्हें गर्व है कि उनका नेता मंत्री है, लेकिन जब पेयजल जैसी आधारभूत जरूरतें पूरी नहीं  होती, तो मन छोटा हो जाता है. वित्तीय वर्ष 2011-12 में जिले में 5765 कूप निर्माण की योजना थी, लेकिन सिर्फ 1398 कूप ही पूर्ण हो सके. इसमें पेयजल व सिंचाई दोनों प्रकार के कूप शामिल हैं.
लातेहार से सुनील कुमार व आशीष टैगोर की रिपोर्ट

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