मंगलवार, 23 जुलाई 2013

सदस्यों पर है विकास की जिम्मेवारी

पंचायनामा डेस्क

पंचायतनामा के पिछले अंक में अबतक आप पढ़ चुके हैं कि मुखिया, प्रमुख व जिला परिषद अध्यक्ष के क्या अधिकार, कर्तव्य व दायित्व होते हैं. अब आप इस अंक में पढि़ए पंचायत निकाय के अन्य जनप्रतिनिधियों के अधिकार, दायित्व व कर्तव्य के संबंध में. ये जनप्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र व पंचायत निकाय के प्रति व अंतिम रूप से आम आदमी के प्रति उत्तरदायी होते हैं.
वार्ड सदस्य की जिम्मेवारियां बतायें?
वार्ड सदस्य ग्राम पंचायत का सदस्य होता है. वह अपनी पंचायत की बैठक में अपने वार्ड व गांव का प्रतिनिधित्व करता है. वह विभिन्न समितियों के गठन में भाग लेता है  और सर्वसम्मति से उसे जिस समिति का अध्यक्ष चुना गया हो, उसकी अध्यक्षता भी करता है. गांव वासियों के विकास के लिए योजनाओं के चयन व क्रियान्वयन की प्राथमिकता तय करना, ग्राम पंचायत के विकास के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध राशियों के समुचित आवंटन में मुखिया की मदद करना उसकी जिम्मेवारी है.  पंचायती राज के तहत सौंपे गये अन्य दायित्वों का निर्वाह भी उसे करना होता है. उसके कई सामाजिक दायित्व भी होते हैं. जैसे उसे अपने वार्ड-गांव की ग्रामसभा के साथ बैठक कर योजना तैयार करना होता है. गांव में ग्रामसभा द्वारा तैयार की गयी योजनाओं को ग्राम पंचायत की बैठक में भी प्रस्तुत करना होता है. ग्राम पंचायत की बैठक में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्राथमिकता तय करते समय अपने वार्ड-गांव के लिए योजनाओं को प्राथमिकता दिलाना भी उसका दायित्व होता है. योजनाओं के क्रियान्वयन में मदद, ग्रामसभा के लिए निर्णय व प्रस्ताव को ग्राम पंचायत व मुखिया तक पहुंचाना, गांव या वार्ड क्षेत्र के संबंध में पंचायत सचिवालय या मुखिया द्वारा लिये गये निर्णय के संबंध में लोगों को बताना, पंचायत में उपलब्ध मद की राशि की जानकारी गांव को देना, ग्रामसभा द्वारा पंचायत से मांगी गयी उन समस्त जानकारियों को उपलब्ध कराना, जो गांव अथवा पंचायत के ग्रामीणों से संबंधित हों, उसकी जिम्मेवारी है. ग्रामसभा और ग्राम पंचायत के बीच प्रगाढ़ कड़ी का काम करना उसका दायित्व है.
पंचायत समिति सदस्यों के अधिकार, कर्तव्य एवं दायित्व क्या हैं?
पंचायत समिति में अपनी पंचायत के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधित्व करता है. स्थायी समिति के दायित्व का निर्वहन, पंचायत समिति की प्रत्येक बैठक में भाग लेना, गांव की बुनियादी समस्याओं के प्रति पंचायत समिति का ध्यान आकृष्ट कराना उसकी जिम्मेवारी है. सरकारी योजनाओं की जानकारी पंचायत एवं गांव स्तर पर लोगों को प्रदान करना, पंचायत समिति स्तर पर प्रखंड क्षेत्र एवं ग्राम पंचायत के लिए योजनाओं की प्राथमिकता तय करते समय अपनी पंचायत की योजनाओं को प्राथमिकता सूची में सम्मिलित कराने में विशेष भूमिका निभाना, अपनी पंचायत के जरूरतमंदों को सरकार की ओर से मिलने वाली विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाना एवं शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी, कृषि विकास के लिए योजनाओं के निर्माण एवं क्रियान्वयन में योगदान देना उसके कर्तव्य हंै.
जिला परिषद सदस्य के क्या कर्तव्य, अधिकार व दायित्व हैं?
जिला परिषद सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं, जरूरतों व आवश्यक योजनाओं की मांग जिला परिषद की बैठक में उठाता है. उसे जिला परिषद की बैठक में भी शामिल होना होता है व वहां अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना होता है. उसे जिला परिषद द्वारा गठित स्थायी समितियों के सदस्य, सभापति, उपसभापति के रूप में दायित्व निभाना होता है. जिला परिषद के अधीनस्थ कार्यालयों, उनके अधिकारियों, कर्मचारियों का पर्यवेक्षण व नियंत्रण करने में जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का सहयोग करना, समय-समय पर ऐसे कर्मचारियों-अधिकारियों का स्वयं भी पर्यवेक्षण, निरीक्षण व नियंत्रण करना उसकी जिम्मेवारी है. जिला परिषद सदस्यों के कई सामाजिक दायित्व भी होते हैं. उसे अपने निर्वाचन क्षेत्र अथवा प्रखंड की बुनियादी समस्याओं को जिला परिषद के समक्ष प्रस्तुत करना होता है, प्रखंड स्तर पर पूरी नहीं हो सकने वाली योजनाओं-परियोजनाओं को जिला परिषद विकास निधि के द्वारा क्रियान्वित कराना, प्रखंड के लोगों के विकास के लिए अधिकाधिक योजनाओं को जिला परिषद से स्वीकृति दिलाना और उन्हें प्रखंड क्षेत्र में क्रियान्वित कराना, अपने प्रखंड केविकास लिए अधिकाधिक राशि का आवंटन पाना, प्रखंड के विकास से संबंधित किसी भी प्रकार की योजनाओं को जिला स्तर पर पास कराने के लिए लगातार सक्रिय रहना, अपने क्षेत्र अथवा प्रखंड के ग्राम वासियों के व्यक्तिगत अथवा सामूहिक कार्यों को जिला स्तर पर शीघ्र कराने में मदद करना उसका दायित्व है. बुनियादी जरूरतों, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, जल प्रबंधन, सड़क, बिजली आदि की सुविधा समुचित तौर पर उपलब्ध हो इसके लिए प्रयास करना, पंचायत समिति व जिला परिषद के बीच सामंजस्य कायम कराना, सरकार की योजनाओं, नीतियों की जानकारी पंचायत समिति को देना, भ्रष्टाचार को खत्म करने का प्रयास करना उसका दायित्व होता है.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें