मैट्रिक की परीक्षा खत्म हो गयी है. कैरियर बनाने की यह पहली सीढ़ी है. रिजल्ट निकलने और कालेजों में नामांकन लेने में लगभग दो-तीन माह लग जायेंगे. इस दो-तीन माह का सदुपयोग जरूर करें. प्रतियोगिता के इस दौर में अंगरेजी का महत्व बढ़ा है. अच्छा होगा कि आप किसी अच्छे संस्थान से अंगरेजी बोलने व लिखने के लिए कोचिंग करें. लड़कियां टेलरिंग सीख सकती हैं. कंप्यूटर का बेसिक कोर्स कर सकते हैं. कोई इंजीनियर, तो कोई डॉक्टर या फिर आइएएस, आइपीएस बनने का सपना देखते हैं. मैट्रिक के बाद ही अपना लक्ष्य बनायें. स्टाफ सलेक्शन कमीशन व रेलवे में कई जॉब मैट्रिक स्तर पर ही मिलते हैं. तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में जानेवाले विद्यार्थी अभी से ही आइटीआइ व पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा की तैयारी शुरू कर सकते हैं. इसलिए तैयारी शुरू कर दें. बिना समय गंवाए.
बेसिक स्किल डेवलपं करें
बेहतर कै रियर की चाहत सभी को होती है लेकिन उसके लिए जो सबसे आवश्यक चीज बेसिक स्किल है जिसे डेवलप करना जरूरी है.इसी से छात्र अपना व्यक्तित्व निर्माण कर लेता है और समाज में अपनी एक बेहतर छवि बनाने में कामयाब हो सकता है. चार तरह के बेसिक स्किल होते हैं. कम्युनिकेशन, रीडिंग, राइटिंग व कंप्यूटिंग (एरिथमेटिकल) स्किल. कम्युनिकेशन स्किल को डेवलप करने के लिए अपने समान विचार रखने वालों के साथ लगातार राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय विषयों या अखबार में छपी रिपोर्ट को पढ़ कर उस पर चर्चा करें. एक दूसरे से लगातार विषय के अनुसार बातचीत करें. सिर्फ अपनी बात ही कहने या थोपने की कोशिश बिलकुल न करें. दूसरे की पूरी बात सुनना और उसके अनुसार जवाब देने का अभ्यास करें. जब आप किसी बात को ठीक से सुनेंगे, तभी उसका सही जवाब दे सकेंगे. इसलिए लिसनिंग स्किल (सुनने की क्षमता) डेवलप करना बहुत जरूरी है. इसके लिए अपने समान सोचवाले विद्यार्थियों का एक ग्रुप बना लें और अभ्यास करना शुरू करें. रीडिंग के साथ राइटिंग का भी लगातार अभ्यास करें.
मेहंदी डिजाइनिंग
मेहंदी डिजाइनिंग आज डिमांडिग कोर्स बनता जा रहा है. इसे 15 दिन से एक महीने में सीखा जा सकता है. मेहंदी पार्लर में 800 से लेकर 1500 रुपये में यह कोर्स सिखाया जाता है. इसके तहत बेसिक डिजाइनिंग, बेल, जैनी, दुल्हन, अरेबिक आदि डिजाइन सिखाये जाते हैं.
ब्यूटीशियन
तीन महीने की अवधि में फुल टाइम ब्यूटिशियन कोर्स किया जा सकता है. यदि आप शौक के लिए यह कोर्स करना चाहती हैं, तो सेल्फ कोर्स बेहतर ऑप्शन होगा. इसके तहत मेकअप, हेयर ड्रेस, मेनिक्योर, पेडिक्योर, आइब्रो, साड़ी रैपिंग सिखायी जाती है. वहीं फुल टर्म कोर्स में कटिंग से लेकर ब्यूटी लाइन की हर चीज की ट्रेनिंग दी जाती है. सेल्फ कोर्स के लिए सामान्य पार्लर में तीन से पांच हजार व फुल टाइम कोर्स के लिए आठ से 15 हजार रुपये फीस देने होते हैं. कोर्स करने के बाद किसी भी अच्छे पार्लर में ब्यूटीशियन, काउंसेलर, हेयर एक्सपर्ट, ब्यूटी मैनेजर के पद पर काम कर सकती हैं.
कंप्यूटर बेसिक कोर्स
आज के दौर में कंप्यूटर का ज्ञान जरूरी है. इस अवधि में कंप्यूटर का बेसिक कोर्स सीखा जा सकता हैं. लड़कों के लिए हार्डवेयर का कोर्स करने के बाद वे कंप्यूटर रिपयरिंग का काम कर सकते हैं. आफिस में काम करने के लिए आफिस के लिए उपयोगी साफ्टवेयर की पढ़ाई की जा सकती है. इसके तहत फंडामेंटल ऑफ कंप्यूटर, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर क्या है, कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम, विंडो क्या है, एमएस आफिस, एमएस वर्ड, एक्सेल, पावर प्वाइंट एवं इंटरनेट की शिक्षा दी जाती है. इसके लिए कंप्यूटर सेंटर में ढाई से तीन हजार रुपये चार्ज किया जाता है. जिनको कंप्यूटर में ग्राफिक्स या डिजाइन बनाने में ज्यादा रूचि हो तो वे डीटीपी या एनिमेशन इत्यादि के कोर्स भी कर सकते हैं.
मोबाइल रिपेयरिंग
इलेक्ट्रिशियन या मोबाइल रिपयेरिंग के कोर्स भी इसी तरह के छोटे-छोटे कोर्स होते हैं जिसे दो-तीन महीने में पूरा किया जा सकता है.
इसे करने के बाद से ही काम मिलने शुरू हो जाते हैं और अतिरिक्त समय में आमदनी कर सकते हैं. लड़कियां नर्सिंग को भी अपना कै रियर बना सकतीं हैं. इसके लिए मैट्रिक स्तर पर भी कोर्स उपलब्ध है. इसको पूरा कर आप नर्सिंग होम में तुरत नौकरी भी पा सकती हैं.
टेलरिंग
लड़कियां टेलरिंग का काम आसानी से सीख सकतीं हैं. समीज, सलवार सूट, ब्लाउज, पेटीकोट, फ्रॉक बना सकती हैं. इसके लिए सिलाई सेंटर से प्रशिक्षण लिया जा सकता है. तीन महीने के इस कोर्स के लिए शहर के विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों में 600-800 रुपये फीस लिया जाता है. यह काम सीखकर वे दूसरों का काम करके आय भी कर सकती हैं.
(प्रस्तुति- राकेश कुमार)
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